शर्मीले होते हैं सांप

 



 


प्रतिदिन तीन घरों में निकल रहे हैं सांप, संभल जाएं
ये मौसम साँपों के लिए अनुकूल है


-शीतल कुमार अक्षय


उज्जैन। इस मौसम में यदि आप कोरोना के दुष्प्रभाव के चलते घरों में खुद को सुरक्षित समझ रहे हैं तो जरा संभल जाएँ, क्योंकि यह साँपों के निकलने का सीजन है. सांप स्वाभाविक तौर पर शर्मीले होते हैं और मानव से दूर प्राकतिक इलाकों में ही रहना पसंद करते हैं, परन्तु कुछ साँपों ने खुद को शहरी वातावरण और मनुष्यों के साथ रहने के लिए अच्छी तरह से ढाल लिया है. हालाँकि सांप वैसे तो हमारे घरों और सम्पत्ति को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाते, परन्तु सांप को सामने देखकर कई लोगों की धड़कनें  बढ़ सकती हैं.
बरसात के साथ ही घरों में साँपों के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। साथ ही बढ़ गया है सांप काटने का खतरा.
आमतौर पर सभी ये जानते हैं कि अधिकांश सांप विषैले नहीं होते, लेकिन सांप का डर या तो लोगों की नींद उड़ा देता है या फिर खुद सांप की ही जान पर बन आती है.
हमारे जिले में 25 और नगर में हैं 13 प्रजातियों के सांप
उज्जैन शहर में सामान्य तौर पर 13 प्रजातियाँ पाई गई हैं, जिनमें तीन विषधरों (नाग, करैत और रसल्स वाईपर)
के अलावा धामन, पानी के सांप, भेड़िया सांप, दौड़ाक सांप, माटी का सांप, बांडेड रेसर, कुकरी सांप, सीता की लट
सांप व अलंकृत सांप शामिल हैं.