श्री राधेश्याम जी माकवा को श्रृद्धाजंलि


 


हमारे मौसाजी 
श्री राधेश्याम जी माकवा ( निवास - त्रिलंगा , भोपाल ) की आत्मा आज दोपहर दिव्य ज्योति में विलीन हो गई ...उनके निधन का समाचार सुनकर  स्तब्ध हैं ... उनके साथ गुजारे गए समय का वह हर पल एक दृश्य की भांति इस समय आंखों के सामने से गुजर रहा है...उनका मुस्कराना, उनका हंसी - मजाक करना, नॉर्थ टीटी नगर स्थित मकान से नारियलखेड़ा तक उनके स्कूटर पर सवारी करना , जब उन्होंने वहां पर नए मकान की नींव डाली थी...अभी ढाई महीने पहले ही भोपाल जब उनसे मिलने गए थे , तब भी उनसे खूब बातें हुई थी ....उन्होंने सबके हाल - चाल जाने थे....एक पुस्तक लिखकर प्रकाशित करवा भी चुके थे और नई पुस्तक के बारे में बातें कर रहे थे....हालांकि उस समय भी उनकी स्थिति ऐसी दिखाई नहीं दे रही थी कि वे अब कुछ लिख पाएंगे .... उनका साहित्य प्रेम सदैव जिंदा रहा....शिक्षा विभाग में एक बड़े पद पर होने के बावजूद वह हमेशा सहज - सरल - सहृदय और परोपकारी स्वभाव के रहे। 
कितने अच्छे थे मौसाजी । 
उनका जाना जैसे जीवन में कोई एक बहुत बड़ी कमी छोड़ गया है...जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती ....अब उनसे मिलना कभी नहीं हो पाएगा , लेकिन उनकी यादें स्मृति पटल पर चिर स्थाई रहेंगी। 


आदरणीय मौसाजी के श्री चरणों में शत शत नमन .... अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ..... परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वे मौसा जी की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और माकवा परिवार पर आए इस गहन दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें । 


ओम शांति शांति शांति


     शैलेंद्र जोशी एवं योगेंद्र जोशी ....परिवार , इंदौर