अब इंदौर में पीले डस्टबीन भी नज़र आएंगे
इंदौर। अभी नगर निगम शहर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग तो करता ही है, वहीं 1 जून से कई तरह की छूट मिलने के बाद शहर का आधे से अधिक हिस्सा खुल गया और अब फिर कचरे की मात्रा भी बढऩे लगी है। अब निगम शहर में साढ़े 3 हजार स्थानों पर हरे और नीले डस्टबीनों के साथ यलो डस्टबीन भी रखवाएगा। इसमें कोरोना वेस्ट यानी मास्क, हैंड ग्लब्स या इससे संबंधित कचरा ही डाला जाएगा।
सभी को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। कल भी निगम अमले ने 44 स्पॉट फाइन ठोंकने की कार्रवाई की। इसके अलावा अब कचरे की मात्रा भी शहर में बढ़ेगी, क्योंकि 70 दिन से तो कफ्र्यू-लॉकडाउन के चलते सारी जनता घरों में ही कैद थी और सभी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां बंद रहने से बाजारों से कचरा नहीं निकल रहा था, लेकिन अब बाजार शुरू होने के साथ ही कचरे की मात्रा भी बढऩे लगी है। हालांकि घर-घर से कचरा संग्रहण लगातार चलता रहा, जिसमें राशन, फल-सब्जी से लेकर अन्य घरेलू कचरा तो निगम रोजाना एकत्रित करता रहा। नगर निगम ने शहर में बड़ी कचरा पेटियां तो सालों पहले हटवा दी थी, लेकिन कई स्थानों पर छोटे डस्टबीन लगाए गए हैं, ताकि पाउच और अन्य हाथ का छोटा-मोटा कचरा इसमें डाला जा सके। ये डस्टबीन शहर के सभी प्रमुख बाजारों और अलग-अलग क्षेत्रों में लगे हैं। हरे और नीले कलर के डस्टबीन के साथ अब तीसरा यलो डस्टबीन भी निगम लगवाने जा रहा है। इसके निर्देश आयुक्त ने जारी किए हैं। यलो डस्टबीन में संक्रमण फैलाने वाले कचरे को डाला जाएगा। अभी सभी लोग मास्क, हैंड ग्लब्स और कैप का भी इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें इधर-उधर या नीले या हरे कचरे के डब्बे में डाल दिया जाता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। लिहाजा अब इसके लिए अलग से यलो डस्टबीन लगवाए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में सेनेटाइजर की बोतलें भी कचरे में मिलेगी, क्योंकि हर व्यक्ति छोटी सेनेटाइजर की बोतल जेब में लेकर घूमेगा, ताकि बार‑बार हाथ साफ किए जा सकें। इन यलो डस्टबीन पर लगभग 50 लाख रुपए की राशि खर्च होगी और पहले चरण में बीआरटीएस कारिडोर से लेकर शहर की प्रमुख सड़कों, जिनमें एमजी रोड, रेसकोर्स रोड, पलासिया, जवाहर मार्ग, यशवंत निवास रोड, योजना क्र. 54 व अन्य क्षेत्रों में लगाए जाएंगे। निगम के स्वास्थ्य विभाग के अपर आयुक्त रजनीश कसेरा के मुताबिक अभी जो कचरा एकत्रित किया जा रहा है उसमें मास्क, हैंड ग्लब्स और सिर पर लगाने वाले अस्थायी कैप बड़ी संख्या में मिल रही है। हालांकि निगम के कचरा वाहनों के पीछे इस तरह के मेडिकल वेस्ट के लिए अलग से डस्टबीन लगा भी रखी है, लेकिन सड़कों पर निकलने वाले लोग अभी नगर निगम की हरी और नीली डस्टबीन में ही ये कोरोना वेस्ट यानी कचरा भी डाल रहे हैं। लिहाजा अब इसके लिए अलग से यलो डस्टबीन लगाई जाएगी और जनता को भी समझाइश देंगे कि वे मास्क, हैंडग्लब्स, सेनेटाइजर की बोतल या इस तरह की सामग्री यलो डस्टबीन में ही डाले, ताकि निगम को भी मेडिकल वेस्ट की तरह ही उसके निपटान करने में आसानी रहे।